
आप करीब ही न आये इज़हार क्या करते,हम खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते,साँसे साथ छोड़ गयीं पर खुली रखी आँखें,इस से ज्यादा किसी का इंतज़ार क्या करते।
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आप करीब ही न आये इज़हार क्या करते,हम खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते,साँसे साथ छोड़ गयीं पर खुली रखी आँखें,इस से ज्यादा किसी का इंतज़ार क्या करते।
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